बंगाल पुलिस ने शर्मिष्ठा पानोली को कल रात में किया गिरफ्तार, कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

कल रात को बंगाल पुलिस ने शर्मिष्ठा पानोली को हरियाणा से किया गिरफ्तार

पाकिस्तान के खिलाफ बोलने वाली शर्मिष्ठा पानोली को बंगाल की पुलिस ने शुक्रवार की रात को गिरफ्तार किया। बंगाल पुलिस ने शर्मिष्ठा को गिरफ्तार करके हरियाणा स्थानीय कोर्ट में पेश किया जहां से कोर्ट ने रात को ही बंगाल पुलिस को शर्मिष्ठा पानोली की ट्रांजिट रिमांड दे दी।

आज बंगाल पुलिस ने शर्मिष्ठा पानोली को कोलकाता कोर्ट में पेश की 

बंगाल पुलिस ने शर्मिष्ठा पानोली को गुरुग्राम से लेकर कोलकाता गई और वहां कोर्ट में पेश किया गया जहां से शर्मिष्ठा को कोर्ट ने 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।


पहलगाम हमले के बाद शर्मिष्ठा ने पाकिस्तान के खिलाफ वीडियो बनाई थी

पहलगाम आतंकी हमले के बाद शर्मिष्ठा ने पाकिस्तान के खिलाफ वीडियो बनाकर जारी किया था जिसमें उन्होंने बॉलीवुड एक्टर्स पर भी चुप रहने को लेकर निशाना साधा था । जिसको लेकर बंगाल पुलिस ने शर्मिष्ठा के खिलाफ FIR दर्ज की थी।

पाकिस्तान के समर्थन में पोस्ट करने वाली मुस्लिम लड़की को बॉम्बे हाईकोर्ट से बेल

पहलगाम हमले को ही लेकर पुणे की एक मुस्लिम वर्ग की छात्रा ने पोस्ट डाला था जिसको लेकर मुस्लिम छात्रा के खिलाफ कार्यवाही करते हुए जेल भेजा गया था। बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट ने लड़की को जमानत दे दी ।

बंगाल में केवल हिंदुओं के खिलाफ ही कार्यवाही क्यों ? 

बंगाल में आए दिन हिंदुओं पर लगातार अत्याचार हो रहे है और प्रशाशन इसमें सहयोगी बने हुए है। मुर्शिदाबाद हिंसा का ही मामला देख लीजिए । थाने से सटे इलाके में भयंकर हिंसा हुई लेकिन पुलिस ममता बनर्जी का वोट बैंक नाराज न हो जाए इसलिए वहां हिंसा के दौरान न गई। आखिर क्या हुआ उन हिंसा करने वाले मुस्लिम समुदाय के जमातियों का ? 

महुआ मोइन्ना ने हिंदू देवी देवताओं के खिलाफ पोस्ट किया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं

महुआ मोइन्ना ने हिंदू देवी देवताओं को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट किया, उनके खिलाफ FIR दर्ज हुआ लेकिन कार्यवाही सिर्फ इसलिए नहीं की गई क्योंकि वे ममता बनर्जी की पार्टी से है। हिंदुओं के खिलाफ बोलने का उनको लाइसेंस मिला हुआ है। वे हिंदुओं के खिलाफ कुछ भी बोल कर निकल सकती है। 
बंगाल में महुआ मोइन्ना और मुर्शिदाबाद जैसे हजारों की संख्या में आपत्तिजनक पोस्ट और हिंदुओं के खिलाफ हुई हिंसा की घटनाएं है, लेकिन कार्यवाही उन मामलों में नहीं होगी क्योंकि ममता बनर्जी का वोट बैंक नाराज हो जाएगा। कार्यवाही सिर्फ हिंदुओं पर होगी।

क्या यही है अभिव्यक्ति की आजादी ?

बंगाल में हिंदू होकर अभिव्यक्ति की आजादी की बात करना मूर्खता से कम नहीं है। लेकिन सवाल उन लोगों से है जो लोग बीजेपी सरकार को अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर दिन रात गालियां देते रहते है और जब कोई कार्यवाही होती है तो इसे अभिव्यक्ति की आजादी का नाम देकर निकल जाते है। आखिर यही अभिव्यक्ति की आजादी बंगाल में हिंदुओं को क्यों नहीं है ? जो लोग बात बात में अभिव्यक्ति की आजादी की बात करते है वे सामने आकर क्यों नहीं ममता सरकार को कहते की ये अभिव्यक्ति की आजादी का हनन है। एक महिला को पाकिस्तान के खिलाफ बोलने की इतनी बड़ी सजा ?

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